टेक्नोलोजी
हइपरलूप ट्रेन :-जो चलती है बुलेट से भी दुगनी रफ्तार से
दुनिया में पहली बार पैसेंजर के साथ टेस्टिंग रही सफल
वर्जिन हाइपरलूप कंपनी ने हाई-स्पीड पाॅड सिस्टम की यात्रियों के साथ पहली टेस्टिंग सफलतापूर्वक कर ली है. वर्जिन हाइपरलूप इस टेक्नोलाॅजी की टेस्टिंग करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई है. यह टेस्टिंग अमेरिका के नेवाडा राज्य के लाॅस वेगास में की गई. इसकी अधिकतम स्पीड 172 किमी प्रति घंटे थी.
इसमें जिन दो लोगों ने यात्रा की, वो हैं- वर्जिन हाइपरलूप के चीफ टेक्नोलाॅजी ऑफिसर जोश गेगल और पैसेंजर एक्सपीरियंस डायरेक्टर सारा लुचियान. कंपनी के मुताबिक, अगली सवारी पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग कर चुके और वर्जिन हाइपरलूप कंपनी के कर्मचारी तनय मांजरेकर करेंगे.
बता दें कि यह कंपनी काफी समय से टेस्टिंग कर रही है. बिना यात्री के लगभग 400 बार टेस्टिंग कर चुकी है. इस बार यात्रियों के साथ पहली बार टेस्टिंग की गई है. पहली यात्रा सफल होने पर वर्जिन हाइपरलूप के चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलेयम ने कहा कि उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने इतिहास बनता देखा.
हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन का एक ऐसा नया तरीका है, जिसकी मदद से दुनिया में कहीं भी लोगों को या वस्तुओं को तेजी के साथ सुरक्षित एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है. हाइपरलूप एक कैप्सूल रूपी मैग्नेटिक ट्रेन है, जो 1000-1300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इस तकनीक को हाइपरलूप इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें परिवहन एक लूप के जरिए से होता है, जिसकी स्पीड बहुत अधिक होती है. इसकी सबसे खास बात यह है कि पर्यावरण पर इसका खास प्रभाव भी नहीं पड़ता है.