राष्ट्रीय

किसानो का लगातार 27वें दिन भी धरना जारी, किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक आज, केंद्र के साथ वार्ता पर होगा फैसला

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठन नेताओं के पास रविवार देर रात भेजे गए वार्ता के प्रस्ताव पर संयुक्त मोर्चा की मंगलवार को होने वाली बैठक में फैसला होगा। 32 किसान संगठनों के अधिकांश नेता केंद्र सरकार के उक्त प्रस्ताव को रस्मी मान रहे हैं। लेकिन सरकार के साथ बातचीत करनी है अथवा नहीं, इसका फैसला संयुक्त मोर्चा के नेता सामूहिक रूप से लेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने रविवार को पत्र किसान संगठनों के पास भेजा है, उसमें कुछ भी नया नहीं है। सरकार की ओर से ठोस समाधान का प्रस्ताव आता है तो किसान हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन इस बार भी तीनों कृषि कानूनो के संशोधन पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया है, इस पत्र में कुछ भी नया नहीं है।

कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार देर रात पांच पन्नों का वार्ता संबंधी प्रस्ताव किसान संगठनों के नेताओं के पास भेजा है। इसमें उल्लेख है कि सरकार हमेशा खुले मन से इस समस्या के समधान के लिए किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। किसान संगठन के नेता अपनी सुविधा के अनुसार वार्ता की तारीख तय कर सरकार को सूचित कर दें।

पत्र में उल्लेख है कि किसान नेता दर्शनपाल की ओर से सरकार द्वारा 9 दिसंबर को भेजे गए लिखित प्रस्ताव को खारिज करने की सूचना दी गई थी। लेकिन इससे यह नहीं पता चल रहा है कि यह उनका अकेले का फैसला है अथवा सभी किसान संगठनों ने सामूहिक निर्णय लिया है।

किसानों में रोष:

सरकार के प्रस्ताव को संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने बैठक कर सामूहिक रूप से खारिज किया। इसकी सूचना ईमेल के माध्यम से दी गई। किसान नेताओं में इस बात को लेकर रोष है कि सरकार इसे अकेले का फैसला बता रही है। किसान नेताओं का कहना है कि क्या सरकार को किसानों की मांगों का पता नहीं है। विदित हो कि अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अलग अलग बार्डर पर बड़ी संख्या में किसान कड़ी सर्दी में भी चार हफ्तों से डटे हैं।

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