अर्णव गोस्वामी का जन्म असम के गुवाहाटी शहर में 7 मार्च 1973 में हुआ था। वह एक प्रख्यात विधिवेत्ता असमिया परिवार से हैं।
अर्णब एक सेना के अधिकारी के बेटे हैं इसलिए उन्होने अपनी शिक्षा विभिन्न स्थानों से पूरी की। उन्होने 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा माउण्ट सेण्ट मैरी स्कूल से दी जो दिल्ली छावनी में है और अपनी 12वीं कक्षा उन्होने केन्द्रीय विद्यालय से पूरी की जो जबलपुर छावनी में है। अर्णव ने स्नातक स्तर की पढाई समाज शास्त्र में हिन्दु महाविद्यालय से की जो दिल्ली में है। उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री सामाजिक नृविज्ञान में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट अन्तोनी विश्विधालय (1994) से की । वे सन् 2000 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सिडनी ससेक्स कॉलेज के इंटरनेशनल स्टडीज़ विभाग में एक विजि़टिंग फेलो थे । अर्नव गोस्वामी की पत्नी का नाम पिपि गोस्वामी है। उनका एक बेटा भी है
अर्णब ने अपनी जीवन यात्रा की शुरुआत द टेलीग्राफ (कोलकाता) से की, जहाँ पर उन्होनें एक वर्ष समाचार पत्र के संपादक के रूप में काम किया। फिर १९९५ में उन्होने ने ‘द टी वी’ में काम करना शुरु किया जहाँ पर वह एक दैनिक समाचार के एंकर थे और वह न्यूज़ टुनाईट नामक एक कार्यक्रम की रिपोर्टिंग करते थे। १९९८ में अरनब एन डी टी वी का हिस्सा बन गये। वे ‘न्यूज़ ऑर’ नामक कार्यक्रम की एंकरिंग करते थे। न्यूज़ ऑर सबसे लंबे समय तक चलने वाला समाचार विश्लेषण है, इतना लम्बा समाचार विश्लेषण किसी भी और चैनल में नहीं दिखाया जाता था (१९९८-२००३)। एनडीटीवी २४ x ७ के वरिष्ठ संपादक होने के कारण वह पूरे चैनल के प्रकरण के संपादन के जिम्मेदार थे।
एनडीटीवी के समाचार संपादक के रूप में प्रमुख टीम का हिस्सा रहे और 1998 से 2003 के बीच ‘न्यूजआवर’ का संचालन किया। फिर एनडीटीवी में उन्हें वरिष्ठ संपादक बनाया गया और वर्ष 2006 में टाइम्स नाऊ में जाने से पहले वह इसी पद पर काम करते रहे। उन्हें संपादकीय निदेशक और प्रधान संपादक से प्रोन्नत कर टाइम्स नाऊ और ईटी नाऊ का प्रेसिडेंट-न्यूज और प्रधान संपादक बनाया गया।
उन्होनें कुछ किताबे भी लिखी हैं जैसे कोमपेटीबल टेरिरिज्म, द लीगल चेलेंज आदि।