उत्तरप्रदेश

बीएसपी, बीजेपी और अब सपा पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य, जानिए क्या है इनका राजनीतिक सफर

लखनऊ ,उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। ऐसे राज्य की सियासत के बड़े नेताओं का दल बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर यह जानकारी दी। यही नहीं अब वह समाजवादी पार्टी में शामिल भी हो चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है। 2016 में उन्होंने मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगते हुए मौर्य ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि एक समय था जब स्वामी प्रसाद मौर्य को फूटी आंख नही सुहाते थे यही वजह थी वो अखिलेश पर जमकर जुबानी तीर छोड़ते थे।

*अखिलेश पर छोड़ते थे जुबानी तीर*

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुशीनगर जिला कलक्ट्रेट में आयोजित जिला पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने अखिलेश यादव के पुलिस पर दिए हुए बयान को लेकर तीखा हमला किया था।समाजवादी पार्टी के शासनकाल में आतंकवादियों पर से मुकदमा हटाने का प्रयास किया गया था। समाजवादी पार्टी के मुखिया अपराधी गुंडे और उपद्रवियों के बल पर शासन करते हैं। वहीं कुशी नगर में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के कागजी कार्य को योगी सरकार ने पूरा किया इसलिए योगी सरकार की सराहना करनी चाहिए।आशा है अखिलेश यादव को सद्बुद्धि आयेगी। वे अच्छी बात करें और अच्छा काम करें तभी उनका जनाधार बढ़ेगा। जनता की आंख में धूल झोंकेंगे तो ये जनता अब जान चुकी है।

*इलाहाबाद यूनिवर्स‌िटी से हांसिल की डिग्री*

बता दें कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे और अब 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा छोड़ सपा का हाथ थाम लिया हैं। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में जन्मे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद यूनिवर्स‌िटी से लॉ में स्नातक और एमए की डिग्री की हासिल की है। 1980 में उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखा। वह इलाहाबाद युवा लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से सन 1989 तक महामंत्री पद पर रहे। इसके बाद 1989 से सन 1991 तक यूपी लोकदल के मुख्य सचिव रहे। मौर्य 1991 से 1995 तक उत्तर प्रदेश जनता दल के महासचिव पद पर रहे।

*2016 में भाजपा का थामा था हाथ*

1996 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा की सदस्यता ली और प्रदेश महासचिव बने। इसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट पर डलमऊ, रायबरेली से विधानसभा सदस्य बने और चार बार विधायक बने। मंत्री ने 2009 में पडरौना विधानसभा उपचुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराया। मई 2002 से अगस्त 2003 तक उन्हें मंत्री का दर्जा मिला और अगस्त 2003 से सितंबर 2003 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2007 से 2009 तक मंत्री रहे। जनवरी 2008 में उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2016 में उन्होंने बसपा से बगावत करके भाजपा का हाथ थाम लिया था।

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