टेक्नोलोजी
वॉट्सऐप की प्राइवेसी पालिसी मामले में यूजर्स को मिल सकती है राहत, सरकार ने दिए विस्तृत जांच के आदेश
नई दिल्ली. CCI ने बुधवार को फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफार्म वॉट्सऐप की अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी और सेवा शर्तो की विस्तृत जांच का आदेश दिया है. आयोग की राय है कि वॉट्सऐप ने अपने शोषणकारी और बहिष्करण आचरण के माध्यम से अधिनियम की धारा 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसकी पूरी तरह विस्तृत जांच होनी चाहिए. CCI के महानिदेशक मामले की जांच करेंगे और 60 दिन के भीतर रिपोर्ट देंगे.
क्या कहा CCI ने?
CCI ने वॉट्सऐप की नई नीति पर सुनवाई के दौरान कहा कि भारत में कोई मजबूत प्रतिद्वंद्वी न होने से वॉट्सऐप यूजर्स को उनके अनुकूल विकल्प देना ही नहीं चाहता. उसे डर ही नहीं कि यूजर्स घट जाएंगे. CCI ने अपने आदेश में कहा है कि यूजर की अनैच्छिक सहमति के माध्यम से डाटा साझा करने की पूर्ण सीमा, गुंजाइश और प्रभाव का पता लगाने के लिए संपूर्ण और विस्तृत जांच की आवश्यकता है. आयोग ने कहा है कि वॉट्सऐप की पॉलिसी और शर्ते ऐसी हैं कि उसे स्वीकार करो या फिर प्लेटफार्म को ही छोड़ दो. वहीं, वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने कहा कि CCI के साथ बातचीत की जाएगी, कंपनी लोगों के व्यक्तिगत संवाद की एंड टू एंड एंक्रिप्शन और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है.
जानें, क्या है पूरा मामला?
वॉट्सऐप ने प्राइवेसी पाॅलिसी के तहत यूजर्स को धमकाना शुरू कर दिया था कि जो इसे स्वीकार नहीं करते हैं, उनका 8 फरवरी को अकाउंट बंद हो जाएगा. विरोध होने के बाद वॉट्सऐप ने डेडलाइन बढ़ाकर 15 मई कर दी. प्राइवेसी पाॅलिसी में वॉट्सऐप ने बताया है कि वह किन परिस्थितियों में यूजर्स की जानकारियां फेसबुक और अपने बाकी प्लेटफॉर्म पर कारोबारी उपयोग में लेगा.
नई नीति लागू करने से रोका जाएगा!
इससे पहले वॉट्सऐप की नई निजता नीति के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया था. सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिह की पीठ को बताया कि वॉट्सऐप को यह नई नीति लागू करने से रोका जाना चाहिए. केंद्र के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल के लिए तय की है.