राष्ट्रीय
कृषि कानून पर सरकार और किसानो के बीच नहीं बनी सहमति, किसान यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
याचिका में कहा गया है कि कृषि कानून के मसले पर पुरानी याचिकाओं को सुना जाए. नए कानून देश के कृषि क्षेत्र को निजीकरण की ओर धकेलेंगे. नए किसानों को बिना किसी सही चर्चा के पास किया गया. कानून पास होने के बाद सरकार ने चर्चा की है, लेकिन सभी मुलाकातें बेनतीजा निकलीं.
किसान मानेंगे सरकार की बात?
किसान संगठनों ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया है कि वो कानून वापस होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई तेज़ करेंगे. दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने, संशोधन प्रस्ताव पर बात करने की मांग की है. सरकार अब MSP, मंडी सिस्टम पर लिखित गारंटी देने को तैयार होती दिख रही है.
तेज़ होगा किसानों का आंदोलन
कानून वापस ना होते देख किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने को कहा है. किसान संगठनों का आह्वान है कि दिल्ली आने वाले रास्तों को बंद किया जाएगा, देश के सभी नाको को टोल फ्री किया जाएगा. सड़कें जाम करने के अलावा अब रेल ट्रैक को भी बंद किया जाएगा.
किसान आंदोलन से जुड़ी अन्य मुख्य बातें…
• सिंघु बॉर्डर की रेड लाइट पर बैठे किसानों पर महामारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है.
• हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जबतक MSP बनी हुई है वो सत्ता में बने रहेंगे, अगर MSP को कुछ होता है तो वो सरकार छोड़ देंगे.
• बीते दिन ही पीएम मोदी ने संसद भवन की नींव रखते हुए गुरु नानक देव की सीख का उदाहरण दिया और कहा कि जबतक दुनिया है, संवाद चलते रहना चाहिए. पीएम के इस कथन को सरकार और किसानों के बीच रुकी बातचीत से जोड़ा जा रहा है.