उत्तरप्रदेश
शिवपाल यादव के करीबी ‘बागी’ MLA हरीओम यादव को अखिलेश ने पार्टी से निकाला
इटावा. समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर चुके शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी समझे जाने वाले फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. समाजवादी पार्टी से से निष्कासित होते ही विधायक हरिओम यादव ने सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव पर जुबानी हमला बोलै है. उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव ने मुझे पार्टी से निकलवाया है.
हरिओम यादव ने कहा किउन्होंने प्रो. रामगोपाल का विरोध किया था. उनके शराब माफिया भांजे का विरोध किया इसलिए उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब सपा पर अखिलेश यादव का कब्जा नहीं है. अब रामगोपाल व उसके लड़के की समाजवादी पार्टी हो गयी है. उनका दावा है कि अगर रामगोपाल यादव की चलेगी तो पार्टी खत्म हो जाएगी. वे यह भी कहने से नही चूके कि 2022 में पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी को 20 सीटे भी नही मिलेगी, लेकिन हरीओम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से रिश्तेदारी है और बनी रहेगी.
पार्टी विरोधी गतिविधियों का लग रहा था आरोप
सिरसागंज विधायक हरीओम सिंह यादव पर काफी दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लग रहे थे. फीरोजाबाद जिले के सपा नेताओं ने उनके खिलाफ एकजुट होकर पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग हाईकमान से की थी. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने विधायक के बेटे विजय प्रताप को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए पहले ही पार्टी से बाहर कर दिया था. वर्तमान में हरीओम सिंह यादव को शिवपाल सिंह यादव के खेमे का माना जाता है. पिछले महीने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने फीरोजाबाद जिले की तीन सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित किए थे. उन्होंने सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम सिंह यादव को प्रसपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किया है.
शिवपाल यादव ने बनाया है प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के पहले से शिवपाल यादव के साथ चल रहे सपा विधायक हरिओम यादव ने कहा था कि वह शिवपाल सिंह के साथ हैं. सपा छोड़ने और सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं पार्टी क्यों छोडूंगा. सपा जब चुनाव लड़ने की कहेगी, तब की तब देखी जाएगी. हालांकि अब उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. फीरोजाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हरिओम सिंह यादव और उनके विजय प्रताप पुत्र के विरुद्ध जान से मारने के प्रयास के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष बने विजय प्रताप के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव आ गया, जिसमें जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष के विरोध में डीएम को पत्र सौंपा था. उसी दौरान पिता-पुत्र को जेल जाना पड़ा था. जेल जाने के बाद प्रो रामगोपाल यादव ने विधायक पर जिला पंचायत सदस्यों को बेचे जाने का आरोप लगाते हुए उनसे किनारा कर लिया था. बाद में प्रो रामगोपाल का पिता-पुत्र ने खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया था. यह कोई नई बात नहीं है, जब हरीओम यादव ने प्रो रामगोपाल यादव पर निशाना साधा है. इससे पहले भी हरीओम प्रो रामगोपाल यादव पर गंभीर आरोप लगा चुके है.