उत्तरप्रदेश
भारत बंद: UP में जबरन दुकान-प्रतिष्ठान बंद करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ. नए कृषि कानून के खिलाफ किसान आन्दोलन के समर्थन में मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कई दिशा निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में आम आदमी को कोई परेशानी न हो. साथ ही उन्होंने जबरन दुकान बंद करवाने वालों पर सख्ती के निर्देश भी दिए हैं.
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री का साफ़ निर्देश है कि भारत बंद के दौरान जबरन दुकान-प्रतिष्ठान को बंद करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने पुलिस कप्तानों और जिलाधिकारियों से कहा है कि बंद के दौरान किसानों और किसान संगठनों से संवाद बनाए रखा जाए. साथ ही किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोका जाए.
सीएम ने दिए स्पष्ट निर्देश
अवनीश अवस्थी ने नोएडा और दिल्ली बॉर्डर से 5-10 किलोमीटर पहले ही चेकिंग के निर्देश दिए हैं. धरना स्थल पर असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए कहा गया है. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान के एंट्री प्वाइंट पर सघन चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कर भारत बंद को लेकर समीक्षा बैठक की.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अफसरों से जानकारी ली और उन्हें मौके पर मौजूद रहने को कहा. मेरठ जोन के अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में आम आदमी परेशान न होने पाए. ट्रैक्टर ट्रॉली से ही नहीं लग्जरी गाड़ियों से भी चल रहे लोग अराजकता फैला सकते हैं. जबरन बाजार बंद कराने वालों से सख्ती से निपटे और व्यापार मंडल के साथ बाजारों को सुचारू रूप से खुलवाएं.
विपक्ष पर हमला
मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर प्रदेश और देश में अराजकता फैलाने का आरोप लगाया. सीएम योगी ने कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दलों द्वारा वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. खासतौर पर APMC एक्ट पर राजनीतिक दलों का वर्तमान रवैया उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है. भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अराजकता फैलाई जा रही है. उन्हाेंने कहा कि केंद्र ने किसानों के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं.
किसानों की भलाई के लिए हो रहा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों में किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं और अब जब सरकार किसानों की भलाई के लिए कृषि कानून लागू कर रही है तो वो भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दल किसानों को अपना हथियार बनाते रहे हैं. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में भी एपीएमसी एक्ट लाने की बात कही थी. यूपीए शासन के दौरान सभी पार्टियों ने एपीएमसी एक्ट को लागू करने का समर्थन किया था पर अब वो इसका विरोध कर रहे हैं.